1. भूमंडलीकरण किसे कहते हैं?
भूमंडलीकरण राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विश्वव्यापी समायोजन की प्रक्रिया है जो विश्व के विभिन्न भागों के लोगों को भौतिक व मनोवैज्ञानिक स्तर पर एकीकृत करने का सफल प्रयास करता है।
2. महान आर्थिक मंदी से आप क्या समझते हैं?
आर्थिक महामंदी की शुरुआत 1929 से हुई और यह संकट तीस के दशक तक बना रहा। इस दौरान दुनिया आर्थिक महामंदी के चपेट में आ गया। महामंदी से रोजगार, आब और व्यापार में गिरावट आयी। कृषि क्षेत्र पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा। कृषि उत्पादों में अधिक वृद्धि होने से उसके खरीददार की कमी हो गई जिससे कृषि उत्पादों की कीमतें गिर गई। इससे कृषकों एवं उद्योगपतियों दोनों की स्थिति खराब हो गाई।
3. विश्व बाजार किसे कहते हैं।
जहाँ विश्व के विभिन्न देशों के व्यापारी सामानों की खरीद-बिक्री करते हैं उसे विश्व बाजार/अन्तर्राष्ट्रीय बाजार कहते हैं। आधुनिक यूरोप में भौगोलिक खोजों, पुनर्जागरण, राष्ट्रीय राज्यों के उदय एवं वाणिज्यवाद की उत्पत्ति के बाद विश्व बाजार का तेजी से विकास हुआ। औद्योगिक क्रांति ने विश्व बाजार का विस्तार किया।
4. रेशम मार्ग से आप क्या समझते हैं?
ईसा की आरंभिक सदियों में सबसे प्रमुख मार्ग रेशम मार्ग था। चीनी व्यापारी इसी मार्ग से रेशम विभिन्न देशों तक ले जाते थे। रेशम मार्ग चीन से आरंभ होता था, तथा जमीनी मार्ग द्वारा मध्य एशिया होते हुए यूरोप तक जाता था। मध्य एशिया से इसकी एक शाखा भारत तक भी आती थी। इसी प्रकार समुद्री रेशम मार्ग से भी एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका से जुड़े थे। इसी रास्ते से ‘चीनी पॉटकी’, वस्त्र, मसाले, सुगंधित पदार्थ विश्व के विभिन्न भागों तक ले जाये जाते थे। सिल्क मार्ग से सिर्फ व्यापार ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ। तात्कालिक व्यापारिक जगत में इस मार्ग की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
5. न्यू डील से आप क्या समझते हैं?
आर्थिक मंदी के प्रभावों को समाप्त करने एवं उसे नियंत्रित करने के उद्देश्य 5 से 1932 में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलीन डी० रूजवेल्ट ने नई आर्थिक नीतिअपनाई जिसे ‘न्यू डील’ का नाम दिया गया। इस नई नीति के अनुसार जन कल्याण की व्यापक योजना के अंतर्गत आर्थिक, राजनीतिक एवं प्रशासनिक नीतियों को नियमित करने का प्रयास किया गया।
6. ब्रेटन वुड्स सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था।
ब्रेटन वुड्स सम्मेलन जुलाई, 1944 ई० में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर स्थान पर हुआ था जिसका मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार था। क्योंकि इसी आधार पर विश्व शांति स्थापित को जा सकती थी।
7.आर्थिक संकट से आप क्या समझते हैं?
आर्थिक मंदी अर्थव्यवस्था में आनेवाली वैसी स्थिति है जब कृषि, उद्यार तथा व्यापार का विकास अवरुद्ध हो जाए। लाखों लोग बेरोजगारी को स्थिति में आ जाते हैं, बैंकों और कंपनियों का दिवालियापन तथा वस्तु और मुद्रा दोनों की बाजार में कोई कीमत नहीं रह जाती है।
8. 1929 के आर्थिक संकट के कारण एवं परिणामों को स्पष्ट करें।
1929 के आर्थिक संकट के कारण-
(1) कृषि क्षेत्र में अति उत्पादन के कारण विश्व बाजारों में खाद्यान्नों की आपूर्ति आवश्यकता से अधिक हो गई। इससे अनाज के मूल्य में कमी आई उनका खरीददार नहीं रहा।
गरीबी और बेरोजगारी से उपभोक्ताओं की क्रय-क्षमता घट गई थी अतः विश्व बाजार पर आधारित व्यवस्था लड़खड़ा गई।
(iii) अमेरिकी पूँजी के प्रवाह में कमी आर्थिक संकट का एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारण था। स्वयं अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी संकटग्रस्त हो गई। इसने महामंदी की स्थिति ला दी।
1929 के आर्थिक संकट के परिणाम आर्थिक महामंदी का विश्वव्यापी प्रभाव पड़ा। यूरोपीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। यूरोप के अनेक बैंक रातों-रात बंद हो गए। अनेक देशों की मुद्रा का अवमूल्यन हो गया। अनाज और कच्चे माल की कीमतें घटने लगी। व्यापक विश्व बाजार का स्थान संकुचित आर्थिक राष्ट्रवाद ने ले लिया। भारत में किसानों की दयनीय स्थिति हो गई। बंगाल का पटसन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ। व्यापार में गिरावट आई। भारत से ब्रिटेन सोना का निर्यात करने लगा।
9.विश्व बाजार के स्वरूप को स्पष्ट करें।
जहाँ विश्व के विभिन्न देशों के व्यापारी सामानों की खरीद-विक्री करते हैं, विश्व बाजार कहलाता है। 19वीं शताब्दी से विश्व में अनेक महत्वपूर्ण बदलाव आए। ये बदलाव आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिका और तकनीकी कारणों से आए जिसका समस्त विश्व पर व्यापक प्रभाव पड़ा। औद्योगिक क्रांति ने विश्व बाजार का विस्तार किया। औद्योगिक क्रांति के द्वारा उत्पादन के बढ़ते आकार के कारण कच्चे माल तथा तैयार माल के
लिए बाजार की आवश्यकता हुई। इस विश्व बाजार का आधार कपड़ा था। औद्योगिक क्रांति के फैलाव के साथ-साथ बाजार का स्वरूप भी विश्वव्यापी होता गया। साथ ही, व्यापार, पूँजी के प्रवाह और श्रमिकों के पलायन ने भी विश्व बाजार के स्वरूप को विस्तृत किया। इस प्रक्रिया में उपनिवेशवाद ने महत्त्वपूर्ण योगदान किया।
10.भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें।
भूमंडलीकरण राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विश्वव्यापी समायोजन की प्रक्रिया को कहा जाता है। यह विश्व स्तर पर लोगों को भौतिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक स्तर पर एकीकृत कर एकरूपता लाने का प्रयास करता है।
भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीवन स्तर में काफी परिवर्तन आए हैं। अभी जिस समय में हम रह रहे हैं उसमें आर्थिक भूमंडलीकरण का प्रभाव आम जीवन पर साफ दिख रहा है। भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीविकोपार्जन के क्षेत्र में जो बदलाव आया है उसकी झलक शहर, कसबा गाँव सभी जगह स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है। वर्तमान दौर में 1991 के बाद संपूर्ण विश्व में सेवा क्षेत्र का विस्तार काफी तीव्र गति से हुआ है, जिससे जीविकोपार्जनके कई नये क्षेत्र खुले हैं। भूमंडलीकरण के कारण कई निजी (प्राइवेट) कपनी या बैंक (रिलायंस, आई सी आई सी आई में लोग लाभकारी योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रेरित हुए हैं जिससे बीमा क्षेत्र का विस्तार हुआ है। इसस जुड़कर गाँव या शहर के लाखों लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। पर्यटन स्थल के विकास के कारण भी रोजगार के नवीन अवसर उपलब्ध हुए हैं, जैसे टूर एवं ट्रेवल एजेंसी, रेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, आवासीय होटल इत्यादि। निजी डाक सेवा (कोरियर सेवा), कंप्यूटर, इंटरनेट के कारण भी हजारों लोगों के रोजगार के नवीन अवसर सृजित हुए हैं। भूमंडलीकरण की प्रक्रिया ने आम लोगों के जीवन स्तर को भी बढ़ाया है। इस प्रकार हम कह सकते हैं, कि भूमंडलीकरण ने आम
लोगों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है।
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