बिहार बोर्ड महत्वपूर्ण प्रश्न उतर 10थे और 12th महत्वपूर्ण प्रश्न उतर
10th Exam 12th Exam Bihar Board Exam Matric Exam

बिहार बोर्ड महत्वपूर्ण प्रश्न उतर 10थे और 12th महत्वपूर्ण प्रश्न उतर

1.विद्यार्थी जीवन

 विचार बिन्दु- 1. परिचय, 2. विद्यालय में प्रवेश, 3. सहपाठी

परिचय-विद्यार्थी जीवन सम्पूर्ण जीवन का स्वर्णिम काल होता है। यह साधना और तपस्या का जीवन है। विद्यार्थियों के लिए यह समय अपने भावी जीवन को ठोस नींव प्रदान करने का सुनहरा अवसर देता है। यह चरित्र-निर्माण और अपने ज्ञान को सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण समय है। आज का विद्यार्थी देश का भावी नागरिक होता है जो अपने समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विद्यालय में प्रवेश-विद्यार्थी जीवन पाँच छः वर्ष की आयु से आंरभ हो जाता है। विद्यार्थी जीवन में ही छात्र शिक्षा हासिल करने के लिए विद्यालय या कॉलेज में प्रवेश करता है। जहाँ उसे पढाई-लिखाई के अलावा ऐसे बहुत सारे कौशल सीखने का मौका मिलता है, जो आगे चलकर उसके जीवन को सँवारने में काम आता है। • विद्यालय में ही बच्चों का स्र्वागीण विकास तेजी से होता है।सहपाठी विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी को नए शिक्षक, नए सहपाठी और नया वातावरण मिलता है। उसे घर की दूनिया से बड़ा आकाश दिखाई देने लगता है। उसके ज्ञान का फलक विस्तृत होता जाता है। वह ज्ञान-रस का स्वाद लेने लगता है जो आजीवत उसका पोषण करता रहता है।

कई बार सहपाठियों के गलत संगत के कारण विद्यार्थी जीवन में भटकाव आने लगता है और वह अपने लक्ष्य से दूर हो जाता है।

अध्यापकों के प्रति कृतज्ञता विद्यार्थी जीवन में अध्यापक की अहम भूमिका होती है। हमारे अध्यापक हमें शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान तथा अनुशासित विद्यार्थी बनाते हैं। वे अंधकार रूपी जीवन में प्रकाश रूपी ज्ञान देते हैं। वे हमारे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं। इसलिए हम विद्यार्थियों को अपने अध्यापकों के प्रति कृतज्ञता रखनी चाहिए।

उपसंहार-विद्यार्थी जीवन को जीवन के आधार के रूप में जाना जाता है। विद्यार्थी जीवन अच्छे आचरण की पाठशाला है जो विद्यार्थियों को गुण-अवगुण, अच्छा-बुरा, पुण्य-पाप, धर्म-अधर्म की पहचान कराता है। इसी काल में हम पढ़ाई, अनुशासन और समय का महत्व सीखते हैं साथ ही खेल-कुद और मौज-मस्ती भी करते हैं।

2.मेरा गाँव

विचार बिन्दु- 1. गाँव का परिचय, 2. गाँव के लोग, 3. गाँव की सुंदरता,4. गाँव की पाठशाला

गाँव का परिचय हमारे देश भारत गाँवों का देश है। इसलिए कहा जाता है कि देश की आत्मा गाँवों में निवास करती है। मेरे गाँव में भारतीय संस्कृति के दर्शन होते हैं। यहाँ भारत की सदियों से चली आ रही परंपराएँ आज विद्यमान हैं। गाँव का जीवन बड़ा ही सदा और सरल है। मेरे गाँव की एकता सबसे श्रेष्ठ है। यहाँ घ र्म और जाति का कोई भेदभाव नहीं होता है। यहाँ के अधिकतर लोग किसान व मजदूर हैं जो देशवासियों के अन्नदाता हैं। देश की अर्थव्यवस्था के विकास में मेरे गाँव के कुटीर उद्योग, पशुधन, की अनदेखी नहीं की जा सकतीं। वन, मौसमी फल और सब्जियों इत्यादि के योगदान

मेरे गाँव का नाम रतनपुर है जो गंगा नदी के तट पर स्थित है, जो शहर से महज 20 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।

गाँव के लोग मेरे गाँव की आबादी लगभग 200 परिवारों की है, जो मिलजुल कर एक परिवार की तरह रहते हैं। सभी एक-दूसरे के दुख-सुख में शामिल होते हैं। भोले-भाले गरीब किन्तु ईमानदार अनपढ़ लोग सुबह से शाम तक खेतों में परिश्रम करते हैं। कुछ परिवार लघु एवं कुटीर उद्योगों पर निर्भर है। कुछ लोग प्रतिदिन शहर जाकर जीविकोपार्जन करते हैं।

गाँव के लोगों के लिए एक अस्पताल, सरकारी विद्यालय, डाकघर और पंचायत भवन है।

गाँव की सुंदरता मेरे गाँव की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही वनती है। यहाँ का माहौल काफी स्वच्छ और सुन्दर है। गंगा नदी और खेतों के हरियाली के बीच बसा होने के कारण गाँव का पर्यावरण एवं स्वास्थ्य लोगों के लिए अनुकूल है। सुबह-शाम गंगा किनारे से चलने वाली स्वच्छ हवा लोगों को आत्मनिर्भर कर देती है। गाँव के खेत, खलिहान और चारों तरफ की हरियाली मन को मोहने वाली होती है।

गाँव की पाठशाला मेरे गाँव में एक प्राथमिक और मध्य विद्यालय है। गाँव

के बच्चे इसी स्कूल में शिक्षा पाते हैं। इसमें छः अध्यापक और एक प्रधानाध्यापक हैं। सभी शिक्षक समर्पित भाव से बच्चों में सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर रहते हैं। मेरे गाँव की शिक्षा में काफी प्रगति हुआ है। मध्य विद्यालय को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित होने से 12वीं तक की शिक्षा गाँव में ही उपलब्ध हो जाती है।

मेरे गाँव की पाठशाला में शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा तथा शारीरिक शिक्षा प्रदान की जाती है। लड़कों को बागवानी और लड़कियों को कढ़ाई-बुनाई के लिए प्रेरित किया जाता है। छोटे-छोटे बच्चों के लिए एक ऑगनबाड़ी केन्द्र भी है। निः संदेह मेरे गाँव एक आदर्श गाँव है।

3.वर्तमान शिक्षा पद्धतिचा

 विन्दु- 1. भूमिका, 2. प्राचीन शिक्षा पद्धत्ति, 3. नवीन शिक्षा पद्धति, 4. उपसंहार

भूमिका शिक्षा मानव जीवन के सर्वांगीण विकास का प्रमुख साधन है। मानव जीवन में शिक्षा का विशेष महत्त्व है। शिक्षा एक ऐसा आभूषण है, जो मनुष्य को सभ्य एवं ज्ञानवान बनाता है, अन्यथा शिक्षा के बगैर मनुष्य को पशु के समान माना गया है। भारत की वर्तमान शिक्षा पणाली स्कूल, कॉलेजों पर केंद्रित एक व्यवस्थित प्रणाली है। यह पाठ्यक्रम प्रधान है। वर्तमान शिक्षा पद्धति राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 पर आधारित है। इस शिक्षा पद्धति की कमियों को दूर करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मसौदा तैयार किया गया है।

प्राचीन-शिक्षा पद्धति- भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति का एक प्रमुख तत्व गुरुकुल व्यवस्था था। इसमें विद्यार्थी अपने आश्रम पर निवास कर शिक्षा प्राप्त करता था। प्राचीन शिक्षा पद्धति में विद्यार्थी के बौद्धिक एवं नैतिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास का पूरा ध्यान रखा जाता था। परिवार से दूर रहने के कारण उसमें निर्भरता की भावना विकसित होती थी। उसमें अनुशासन की प्रवृत्ति का भी उदय होता था। ज्ञानार्जन के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर विद्यार्थी गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर कर्त्तव्यों का पालन पोषण करता था।

नवीन शिक्षा पद्धति समय के साथ-साथ शिक्षा का स्वरूप, उद्देश्य, शिक्षण विधि सभी कुछ परिवर्तित होता गया। नवीन शिक्षा पद्धति ज्ञान-विज्ञान के नए-नए विषयों को समाहित करती है। कम्प्यूटर शिक्षा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिसने मानव जीवन को सहज, सुदर एवं सुविधाजनक बनाया है।

नवीन शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत देश में नए-नए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों एवं स्कूलों की स्थापना की गई और यह अनवरत जारी है। इससे शिक्षा के प्रचार-प्रसार बढ़ाने के साथ-साथ साक्षरता दर में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

नवीन शिक्षा पद्धति में महिला साक्षरता पर विशेष ध्यान दिया गया है। इससे महिला साक्षरता दर में उत्साहजनक वृद्धि हुई है।

उपसंहार-वर्त्तमान शिक्षा प्रणाली को व्यवहारिक, सफल एवं आदर्श रूप

प्रदान करने के लिए इसमें बदलाव एवं सुधार की आवश्यकता है। इसे नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने की कोशिश होनी चाहिए। जिससे यह जीवन को सार्थक

ता प्रदान करने एवं आजीविका जुटाने में सक्षम हो सके।

बिहार बोर्ड 10th और 12th महत्वपूर्ण प्रश्न उतर social Scince देखें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *