बिहार बोर्ड महत्वपूर्ण प्रश्न उतर 10th और 12th
10th Exam 12th Exam Bihar Board Exam Matric Exam

बिहार बोर्ड Matric Exam 10th और 12th Question

1. भूकंप केंद्र और अभिकेंद्र में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर —पृथ्वी की ऊपरी सतह का अचानक काँपना भूकंप कहलाता है। भूकंप का उद्गम पृथ्वी की गहराई में स्थित एक बिंदु से होता है। उस स्थान को ही भूकंप केंद्र कहते है। भूकंप केंद्र अधिक गहराई में उत्पन्न होने पर उसका प्रभाव कम होता है। भूकंप केंद्र से उठने वाली तरंगें समकोण पर चलकर धरातल के जिस भाग पर सर्वप्रथम पहुँचती हैं, धरातल के उस भाग को अभिकेंद्र कहा जाता है। अभिकेंद्र पर भूकंप की तरंगों का प्रभाव अधिक मिलता है। अभिकेंद्र से जैसे-जैसे दूरी बढ़ती जाती है प्रभाव कम होता जाता हैं।

2. हैम रेडियो के उपयोग पर प्रकाश डालिए।

उच्च आवृत्ति वाली तरंगों का उपयोग, करने वाले रेडियो को हैम रेडियो कहा जाता है। बड़ी आपदाओं के समय जहाँ संचार के अन्य साधन काम नहीं करते वहाँ हैम रेडियो काम करता है। उसका प्रयोग गैर-वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है। इसमें सम्बन्ध बनाने का कार्य टावर की बजाय सेटेलाइट द्वारा किया जाता है। इसका प्रयोग बड़ी-बड़ी प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में किया जाता है। आपदा के समय सूचना के प्रेषण में इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। इस कारण आपदा के समय वैकल्पिक संचार का यह बेहतर साधन है।

3. भूस्खलन के कितने रूप होते हैं?

भूस्खलन कई रूपों में होते हैं जिनमें प्रमुख हैं-

(1) शैल अथवा मृदा अवपतन इसमें अचानक टूट कर स्थानांतरित हो जाती है।

(ii) सर्पण- इसमें बड़े शैल टूट कर गतिमान होकर तेजी से गिरते हैं।

(iii) प्रवाह- इसमें लगातार शैली का गिरना लंबे समय तक जारी रहता है।

(iv) वर्षा के पानी के साथ मिट्टी और कचड़े का नीचे आना।

4. नागरिक सुरक्षा के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

नागरिक सुरक्षा के निम्न उद्देश्य हो सकते हैं-

(1) नागरिकों को आपदा के संकट से बचाव करना।

(11) उनका प्राथमिक उपचार करना।

(¡¡¡) खतरों के विषय में जानकारी देना तथा

(IV) जीवन को सामान्य करने में उन्हें सहायता प्रदान करना।

5. बिहार में बाढ़ की स्थिति का वर्णन करें।

बिहार में प्रतिवर्ष बाद आना इस राज्य की नियति बन चुकी है। उत्तर बिहार का पूर्वी क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र कहलाता है। इस क्षेत्र में नेपाल से आनेवाली नदियों द्वारा भारी मात्रा में जल विसर्जित किया जाता है। नदी तल में गाद जमा होने के कारण पानी तटबन्ध को तोड़कर कृषि क्षेत्र एवं अधिवास को क्षतिग्रस्त करता है। कोसी, कमला, बागमती, भुतही बलान, गंडक एवं अधवारा समूह की नदियाँ बाढ़ के लिए कुख्यात है। इससे जान-माल की क्षति अधिक होती है। दक्षिण बिहार में पुनपुन, सोन, फल्गु आदि नदियों द्वारा बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। फोसी को ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है।

7. सुखाड़ प्रबन्धन का वर्णन करें।

(1) जल-ग्रहण क्षेत्रों में बाँध एवं छोटे-छोटे जलाशय बनाकर।

(ii) सुखाड़ क्षेत्रों में वृक्षों की सघनता में वृद्धि कर।

(iii) शुष्क फसलों की बुआई एवं ड्रिप सिंचाई विधि को अपनाकर।

(iv) नहरों द्वारा सूखे क्षेत्रों तक जल पहुँचाकर।

8. आपदा प्रबन्धन के उद्देश्यों की विवेचना करें।

उत्तर —आपदा प्राकृतिक हो या मानवकृत, इसका सीधा असर जन-जीवन पर पड़ता है। आपदा के कारण धन-जन की व्यापक क्षति होती है तथा राष्ट्र का विकास भी दुष्प्रभावित होता है। अतः, यह आवश्यक है कि आपदा का प्रबन्धन किया जाए। यह प्रबन्धन आपदा-पूर्व एवं आपदा पश्चात् दो प्रकार का होना चाहिए। आपदा प्रबन्धन हेतु व्यवस्था पंचायत स्तर से लेकर प्रखण्ड, जिला एवं राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक की जानी चाहिए।

9. सुनामी आपदा प्रबंधन पर एक लेख लिखें।

उतर—महासागरीय तली में आने वाले शक्तिशाली भूकम्प को ही सुनामी कहते हैं। सुनामी की सूचना मिलने पर हमें किसी सुरक्षित स्थान पर चला जाना चाहिए। सुनामी के पश्चात क्षतिग्रस्त सड़क, पुल एवं मकान का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सुनामी से बचने के लिए हमें समुद्र के किनारे तटबंध बनाना चाहिए एवं मैंग्रोव वनस्पति लगाना चाहिए।

10. प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाली किसी एक वैकल्पिक संचार माध्यम की चर्चा कीजिए।

उतर—प्राकृतिक आपदाकाल में सड़क, रेल लाइन, टेलीफोन लाइन के टूट जाने से

संचार व्यवस्था भंग हो. जाती है। जिससे बचाव एवं सहायता कार्य में कठिनाई

टावर इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती। इसमें संबंध बनाने का कार्य सेटेलाइट

होती है। वर्तमान में हैम-रेडियो वैकल्पिक व्यवस्था में उत्तम साधन है। इसमें से होता है। संचार उपग्रह से भी आपदा संबंधी जानकारी मिलती है। संचार उपग्रह पर आपदा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। अतः ऐसे समय में इनका महत्त्व और भी बढ़ जता है।

11. सूखाड़ से बचाव के तरीकों का उल्लेख करें।

सूखाड़ से बचाव के तरीके निम्नलिखित हैं-

(1) वर्षा-जल संग्रहण का पर्याप्त उपाय करना।

(ii) नहर, पईन, तालाब और आहर की व्यवस्था करना।

(iii) पशुओं के लिए पर्याप्त चारे की व्यवस्था करना।

(IV) पेयजल के सुरक्षित भंडारण।

12. सुनामी क्या है? स्पष्ट करें।

महासागरों या सागरों के आन्तरिक पृष्ठीय भागों में उत्पन्न हलचल को सुनामी कहते हैं। इसमें प्रारंभ में एक तीव्र लहर उठती है, फिर जल तरंगों की एक श्रृंखला बन जाती है। गहरे सागर में इसकी गति कम होती है। समुद्र तटीय क्षेत्रों में मानव जीव-जन्तु, वनस्पति, मकान, उद्योग आदि को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाते हैं।

13. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?

उतर—आपदा के प्रारंभ होते ही प्रभावित को आपदा से निजात दिलाने के उद्देश्य से किए जाने वाले कार्य जीवन-रक्षक आकस्मिक प्रबंधन कहलाता है। इसके अंतर्गत सहायतां पहुँचाने हेतु आम लोगों की एकजुटता अधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है जिसके कारण प्रभावित लोगों के जीवन बचाने का कार्य किया जाता है।

14. बाढ़ के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों का उल्लेख करें

बाढ़ एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जिसके घटित होने से जान-माल एवं पशुओं की भारी क्षति पहुँचती है। बाढ़ के समय अपनाई जानेवाली सावधानियाँ इस प्रकार है-

(i) बाढ़ के समय ऊँची भूमि या ऊँचे छत वाले मकान पर चला जाना चाहिए।

(ii) नाव की व्यवस्था रखनी चाहिए।

(ii) घर के सामानों/मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए।

(iv) भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था कर लेनी चाहिए।

15. भूस्खलन क्या है?

पहाड़ों पर से पत्थर का खिसकर गिरना एवं पथरीली मि‌ट्टी का बहाव भूस्खलन कहलाता है। भारी वर्षा, बाद, भूकम्प या फिर गुरुत्वा

कर्षण प्रक्रिया से भूस्खलन होता है। मानवीय गतिविधियों के कारण भी भूस्खलन की क्रियाएँ, ज्यादा होनी लगी।

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