बिहार बोर्ड 10th Polity महत्वपूर्ण प्रश्न उतर 2025।
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बिहार बोर्ड 10th Polity महत्वपूर्ण प्रश्न उतर 2025।

भारतीय संविधान सभा

कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान की निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 號 में किया गया। (कैबिनेट मिशन के सदस्य सर स्टेफार्ड क्रिप्स, लॉर्ड पेधिक सरिस तथा ए. बी. एलेक्जेण्डर थे।)

नोटे। भारत के लिए संविधान सभा की रचना हेतु संविधान सभा का विचार सर्वप्रथम स्वराज पार्टी ने 1924 ई. में प्रस्तुत की।

संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गयी थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रान्तों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे।

मिशन योजना के अनुसार जुलाई, 1946 ई. में संविधान सभा का चुनाव हुआ। कुल 389 सदस्यों में से प्रान्तों के लिए निर्धारित 296 सदस्यों के लिए चुनाव हुए, जिन्हें विभिन्न प्रांतों की विधानसभाओं द्वारा चुना गया। इसमें काँग्रेस को 208, मुस्लिम लीग को 73 स्थान एवं 15 अन्य दलों के तथा स्वतंत्र उम्मीदवार निर्वाचित हुए।

 9 दिसम्बर, 1946 ई. को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली स्थित कौंसिल चैम्बर के पुस्तकालय भवन में हुई। सभा के सबसे बुजुर्ग सदस्य डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया। मुस्लिम लीग ने इस बैठक का बहिष्कार किया और पाकिस्तान के लिए बिल्कुल अलग संविधान सभा की माँग प्रारंभकर दी।

नोट: हैदराबाद एक ऐसी देशी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे।

प्रांतों या देशी रियासतों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था। साधारणतः 10 लाख की आबादी पर एक स्थान का आवंटन किया गया था।

प्रांतों का प्रतिनिधित्व मुख्यतः तीन प्रमुख समुदायों की जनसंख्या के आधार पर विभाजित किया गया था, ये समुदाय थे-मुस्लिम, सिक्ख एवं साधारण ।

संविधान सभा की प्रमुख समितियों एवं उनके अध्यक्ष

1. संचाछन समिति

. संघीय संविधान समिति

3. प्रांतीय संविधान समिति

4. प्रारूप समिति

5. संघ शक्ति समिति

* विधान सभा में ब्रिटिश

संख्या 15 थी।

111946 की निर्वाचित हुए।

दिसम्बर 1946 की म द्वारा पेश किये गये साय प्रारम हुई।

22 जनवरी 1947 f प्रस्ताव की स्वीकृति समितियाँ नियुक्त की। वी वार्ता समिति, संग समिति, प्रांतीय संविधान शक्ति समिति, प्रान्परि

बी. एन. एव द्वारा तैयार विमर्श करने के लिए को एक संकलय पारित तया इसके अध्यक्ष के गया। प्रारूप समिति के है। डॉ. भीमराव अ आयंगर जल्लादी कृष्ण मुंशी मैय्यद मोहम्मद मित्र के स्थान पर) बाद टी. टी. कृष्णामधान

नोटः संविधान सभा में अम्बे तथा देश बैटवारे के बा

3 जून, 1947 ई. की पो

पर भारतीय संविधान गयी, जिसमें 235 स्थान

के लिये थे।

कैबिनेट मिशन (1945)मंत्री

1. जवाहरलाल नेहरू

2. बल्लभ भाई पटेल

4. जॉन मथाई

3. बलदेव सिंह

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

पंडित जवाहर लाल नेहरू सरदार बल्लभ भाई पटेल

5. सी. राजगोपालाचारी

 सी. एच. भाभा

डॉ. भीमराव अम्बेदकर

राजेन्द्र प्रसाद

पंडित जवाहर लाल नेहरू

• मौलिक अधिकारों एवं अल्पसंख्यकों सरदार बल्लभ भाई पटेल

संबंधी परामर्श समिति

7. राष्ट्रध्वज संबंधी तदर्थ समिति

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

नोट। मौलिक अधिकारों एवं अल्पसंख्यकों संबंधी परामर्श समिति की दो उपसमितियों थीं-

(a) मौलिक अधिकार उपसमिति जे पी कृपलानी

(b) अल्पसंख्यक उपसमिति एच. श्री. मुखर्जी

संविधान सभा में ब्रिटिश प्रान्तों के 296 प्रतिनिधियों का विभाजन साम्प्रदायिक आधार पर किया गया 213 सामान्य, 79 मुमज्मान तया 4 सिक्ख ।

संविधान सभा के सदस्यों में अनुमुचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 थी।

संविधान सभा में महिला सदस्यों की सख्या 15 थी।

11 दिसम्बर 1946 को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसम्बर, 1946 को जवाहर लाल नेहम द्वारा पेश किये गये उद्देश्य प्रस्ताव के साथ प्रारंभ हुई।

22 जनवरी, 1947 ई. को उद्देश्य प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक ममितियाँ नियुक्त की। इनमें प्रमुख बीवार्ता समिति, संघ संविधान समिति, प्रांतीय संविधान समिति, संघ शक्ति समिति, प्रारूप समिति।

तक्रियान सभा की

अम्मू ग्वामीनायन

पेनी मैस्करीन

बेगम एजाज रमूल दश्यानी वेल्यादुन

जी दुर्गाचाई

हसा मेहता

कमला चौधरी

लीला रे मालती चौधरी

10. पूर्णिमा बनर्जी

।। रेणूका राय

12. सरोजिनी नायडू

13. राजकुमारी अमृतकौर

14. सुचेता कृपलानी

15. विजयालक्ष्मी पंडित

बी.एन. राब द्वारा तैयार किये गये संविधान के प्रारूप पर विचार-विमर्श करने के लिए संविधान सभा द्वारा 29 अगस्त, 1947 को एक सकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया गया तथा इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अम्बेडकर को चुना गया। प्रारूप समिति के सदस्यों की संख्या सात थी, जो इस प्रकार है। डॉ. भीमराव अम्बेदकर (अध्यक्ष) २. एन. गोपाल स्वामी आयंगर 3 अल्वादी कृष्णा स्वामी अय्यर कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला एन. माधव राव (बी. एल. मित्र के स्थान पर) 7 डी.पी. खेतान (1948 ई. में इनकी मृत्यु के बाद टी. टी. कृष्णामचारी को सदस्य बनाया गया)।

नोटः संविधान सभा में अम्बेदकर का पहली बार निर्वाचन बंगाल से तथा देश बंटवारे के बाद उनका निर्वाचन चौम्ये से हुआ।

3 जून, 1947 ई. की योजना के अनुसार देश का बैटवारा हो जाने पर भारतीय संविधान सभा की कुछ सदस्य संख्या 324 नियत की गयी, जिसमें 235 म्यान प्रान्तों के लिए और 89 स्थान देशी राज्यों के किये थे।

कैबिनेट मिशन (1945ई के प्रस्ताव पर गडित अन्तरिम मंत्रीमंडल (2 सितम्बर 1946)मंत्री

1. जवाहरलाल नेहरू

विभाग

कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष,

विदेशी मामले तथा राष्ट्रमंडल

2. बल्लभ भाई पटेल

3. बखदेव सिंह

गृह, सूचना तथा प्रसारण

रक्षा

4. जॉन मथाई

उद्योग तथा आपूर्ति

5. सी. राजगोपालाचारी

शिक्षा

6.सी. एच. भाभा

कार्य, खान एवं बन्दरगाह

7. राजेन्द्र प्रसादखाद्य एवं कृषि

8. आसफ अली

रेलवे

9. जगजीवन रामश्रममंत्रीमंडल में आमिन मुस्लिम लीग के सदस्य (26 दूर 1946)

10. विद्याकत अली खाँवत्त

11 . आई आई. चुन्दरीगरवणिज्य

12. अब्दुछ रख नश्तरसचार

10. श्रीगेन्द्र नाथ मंडय

विधि (बंगाल SCI चीफ)

14. गजान्तर अजी श

देश-विभाजन के बाद संविधान सभा का पुनर्गठन 31 अक्टूबर, 1947 ई. को किया गया और 31 दिसम्बर, 1947 ई. की संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 299 श्री, जिसमें प्रातीय सदस्यों की संख्या 229 एवं देशी रियासतों के सदस्यों की संख्या 70 वी।

प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार-विमर्श करने के बाद 21 फरवरी, 1948 को संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की।

संविधान सभा में संविधान का प्रथम वाचन 4 नवम्बर से नवम्बर 1948 ई. तका चला। संविधान पर दूसरा वाचन 15 नवम्बर, 1948 ई. को प्रारम्भ हुआ, जो 17 अक्टूबर 1949ई तक चला। संविधान सभा में संविधान का तीसरा वाचन 14 नवम्बर, 1949 ई. को प्रारंभ हुआ जो 26 नवम्बर, 1949ई तक चला और संविधान सभा द्वारा संविधान को पारित कर दिया गया। इस समय संविधान सभा के 284 सदस्य उपस्थित थे।

स्वतंत्र भारत का पहला मंत्रीमंडल 1947

जवाहर लाल नेहस

प्रधानमंत्री, राष्ट्रमंडल तथा विदेशी मामले

वैज्ञानिक शोध

2. सरदार बल्लभ भाई पटेल गृह, सूचना व प्रसारण, राज्यों के मामले

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद खाद्य एवं कृषि

मी. अबुल कलाम आजाद शिक्षा

डॉ. जॉन मथाई

डॉ. बी. आर. अंबेदकर विधि

जगजीवन राम

8. सरदार बलदेव सिंह

• राजकुमारी अमृतकौर

10. सी.एच. भाभा

11. रफी अहमद किदवई संचार

रेलवे एवं परिवहनणिज्य

12. आर. के. षणमुगम शेट्टी वित्त

13 डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं आपूर्ति

14 वी.एन. गाडगिগল कार्य, खान एवं ऊर्जा

 संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीना और 18 दिन छगे। संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई। संविधान निर्माण कार्य में कुल मिलाकर ₹ 63,96,729 व्यय हुए।

संविधान को जब 26 नवम्बर, 1949 ई. को संविधान सभा द्वारा पारित किया गया) तब इसमें कुछ 22 भाग 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान समय में संविधान में 22 भाग, 39.5 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।)

संविधान के कुछ अनुच्छेदों में से 15 अर्थात् 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391 392 तथा 393 अनुच्छेदों को 26 नवम्बर, 1949 ई. को ही प्रवर्तित कर दिया गया, जबकि शेष अनुच्छेदों को 26 जनवरी, 1950 ई. को लागू किया गया।

संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी, 1950 ई. को हुई और उसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया। संविधान सभा 26 जनवरी, 1950 से 1951-52 में हुए आम चुनावों के बाद बनने वाली नई संसद के निर्माण तक भारत की अंतरिम संसद के रूप में काम किया।

संविधान सभा द्वारा किए कुछ अन्य कार्य। इसने मई, 1949 में राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता का सत्यापन किया। इसने 22 जुलाई, 1947 को राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया। इसने 24 जनवरी, 1950 को राष्ट्र गान एवं 26 जनवरी 1950 को राष्ट्र गीत को अपनाया।

नोट: 26 जुसमई, 1947 को गवर्नर जनरल ने

पाकिस्तान के

 

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