बिहार बोर्ड Matric Exam 10th और 12th vvi Question
10th Exam 12th Exam Bihar Board Exam Matric Exam

बिहार बोर्ड Matric Exam 10th और 12th vvi Question

1. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है

उत्तर —स्वपोषी हरे पौधे जो समस्त परपोषी

बिहार बोर्ड Matric Exam 10th और 12th vvi Questionजीवों के लिए प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन का उत्पादन करते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। पारिस्थितिक तंत्र में उत्पादकों के कार्य-

(1) किसी भी पारिस्थितिक तंत्र में रहने वाले जीव की प्रकृति का निर्धारण हरे पौधों या उत्पादक के द्वारा होता है।

(ii) पारिस्थितिक तंत्र में मूल ऊर्जा स्रोत सौर ऊर्जा होता है।

(iii) हरे पौधों द्वारा ही मिट्टी से खनिज लवणों तथा तत्त्वों का अवशोषण

(iv) वायुमंडल में ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड के बीच का संतुलन हरे पौधों द्वारा ही होता है।

2. ओजोन परत के क्षय का कारण लिखें।

आहार श्रृंखला के विभिन्न स्तर जिनमें ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है, उन्हें पोषी स्तर कहते हैं।

एक मैदानी पारिस्थितिक तंत्र में घांस, ग्रास हॉपर, मेढ़क, सर्प तथा गिद्ध एक आहार श्रृंखला बनाते हैं।

घास

▶ ग्रासहॉफर-

मेंढक

सर्प

गिद्ध

उत्पादक

उच्च श्रेणी

प्राथमिक

द्वितीय

तृतीयक

उपभोक्ता

उपभोक्ता

उपभोक्ता

के उपभोक्ता

4.कौन-सा रसायन ओजोन स्तर के अवक्षय के लिए उत्तरदायी है?

उत्तर —जैव आवर्धन वह क्रिया है, जिसमें जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थों की मात्रा किसी आहार श्रृंखला से पहले पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर में क्रमशः बदली जाती है और अंततः मानव शरीर में प्रविष्ट हो

जातीआहार श्रृंखला का शीर्षस्थ जीव है। इस प्रकार का परिवर्तन के कारण मनुष्य के विभिन्न खाद्यान्नों में ये रसायन एकत्रित हो जाते हैं। ऐसे दूषित खाद्यान्नों के सेवन से मनुष्य के शरीर में कई खतरनाक बीमारियाँ उत्पन्न होता हैं।

5.अपने विद्यालय को पर्यानुकुलित बनाने के लिए दो सुझाव दें।

उत्तर —ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बने यौगिक को ओजोन कहते हैं। यह वायुमंडल में 15 km से लेकर लगभग 50 km ऊँचाई वाले क्षेत्र के बीच ओजोन स्तर का निर्माण करता है और पृथ्वी पर रहने वाले जीवधारियों के लिए सुरक्षात्मक कवच का निर्माण करता है, क्योंकि यह सूर्य-प्रकाश में उपस्थित हानिकारक पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेता है। इस ओजोन स्तर के अवक्षय से पराबैंगनी विकिरणें सीधे पृथ्वी तक पहुँचती है, जिसके कारण मनुष्य में अनेक घातक एवं जानलेवा बीमारियों (त्वचा, कैंसर, मोतियाबिंद तथा अनेक हानिकारक उत्परिवर्तन से उत्पन्न घातक

6. वन संरक्षण हेतु क्या कदम आवश्यक हैं?

अगर किसी पारितंत्र के सारे मांसाहारियों को नष्ट कर दिया जाय तो उस पारितंत्र पर निम्न प्रभाव पड़ेंगे-

(1) मांसाहारियों को नष्ट कर देने से शाकाहारियों की संख्या बढ़ जाएगी।

( ii) संपूर्ण वनस्पतियाँ समाप्त हो जाएँगी।

iii) भोजन के लिए आपस में महासंग्राम शुरू हो जाएगा।

7.ग्रीनहाउस प्रभाव किसे कहते हैं?

आधुनिक जीवनशैली में उपयोगी कुछ रसायन जैसे फ्लोरोकार्बन (FC),

क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC), O, (ओजोन) से अभिक्रिया कर आण्विक (0) को एवं परमाण्विक (0₂) ऑक्सीजन में विखंडित कर ओजोन स्तर का अवक्षय (Depletion) कर रहे हैं। हानिकारक प्रभाव ओजोन परत सूर्य से निकले पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेता है। ओजोन स्तर के अवक्षय से पराबैंगनी किरणें धरती पर सीधे पहुँचकर त्वचा कैंसर, मोतियाबिन्द तथा अनेक प्रकार के उत्परिवर्तन को जन्म देती हैं।

8. ओजोन क्या है? इसके महत्व को बताएँ।

उत्तर —एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का एकपथीय प्रवाह उसमें स्थित श्रृंखलाबद्ध तरीके से जुड़े जीवों के द्वारा होता है। जीवों की इस श्रृंखला को आहार श्रृंखला कहते हैं। एक वन पारिस्थितिक तंत्र में घास का भक्षण हिरण कहते हैं, जिन्हें पुनः बाध या शेर खाते हैं। अतः खाद्य के रूप में ऊर्जा का प्रवाह घास से हिरण तथा हिरण से बाघ के माध्यम से होता है। घास उत्पादक हिरण → बाघ अथवा शेर ←

प्राथमिक उपभोक्ता

द्वितीयक उभोक्ता

9. वनों की कटाई का वन्य जीवों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

प्रदूषण का संबंध पर्यावरण के दूषित होने से है। प्रदूषण की समस्या से लगभग पूरी धरती जुझ रही है। विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा भू-प्रदूषण ने हमारे जीवन को अधिक प्रभावित किया है। वायु प्रदूषण तथा जल प्रदूषण को कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ, विषाक्त रसायन नदियों तक पहुँच कर विषैला बना दिया है। नदी, तालाबों में नहाकर, कपड़े धोकर, गंदगी, कचरा, शव डालकर जल दूषित करते हैं। शहरी जीवन में ध्वनि प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या है। खेतों में रासायनिक पदार्थ भूमि को प्रदूषित करते हैं। इसकी रोकथाम के लिए वृक्षारोपण, वनों की कटाई रोकना, आवासीय क्षेत्रों से दूर उद्योगों की स्थापना करना अति आवश्यक है।

10.वर्षा-जल के संचयन के लाभ का संक्षिप्त विवरण दें।

वर्षा जल संचयन उस प्रक्रिया या तकनीक को संदर्भित करता है जिसका उपयोग छतों, पाकों और अन्य उपयोगों से बहने वाले वर्षा जल के संग्रहण, भंडारण और शुद्धिकरण के माध्यम से वर्षा जल के संरक्षण के लिए किया जाता है। पौधों, जानवरों और मनुष्यों सहित सभी जीवित जीवों को जीवित रहने और विभिन्न सेलुलर गतिविधियों को पूरा करने के लिए पानी की

आवश्यकता होती है। वर्षा जल संचयन के लाभ

(1) वर्षा जल संचयन सबसे अधिक लागत प्रभावी और रखरखाव में बहुत आसान प्रणालियों में एक है। वर्षा जल संचयन संरचनाओं की नींव की लागत अन्य पपिंग संरचनाओं की तुलना में काफी कम है।

(ii) वर्षा जल संचयन एक पर्यावरण अनुकूल तरीका है और यह पानी को पुनर्चक्रण के लिए बड़े टैंकों में पहुंचाकर बाढ़ के प्रभाव को कम करता

है और जल निकासी पर दबाब को कम करने में मदद करता है।

(iii) यह मिट्टी के कटाव को रोकता है और इमारतों के आसपास शहरी

बाढ़ को रोकने के लिए तूफानी पानी के प्रवाह को भी कम करता है।

(iv) वर्षा जल संग्रहण सूख को कम करने में मदद करता है और चूँकि वे ज्यादातर हानिकारक रसायनों और पदाथों से मुक्त होते हैं, इसलि

ए यह सिंचाई के लिए उपयुक्त है।

(७) इससे यह पता चलता है कि भूजल स्तर में वृद्धि हुई है और गुणवत्ता

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